वित्त वर्ष
1987-88 |
- राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 का अधिनियमन
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1988-89 |
- राष्ट्रीय आवास बैंक की स्थापना
- आवास ऋणों हेतु पुनर्वित्त योजनाएं शुरू की गईं
- भूमि विकास एवं आश्रय परियोजनाओं हेतु योजनाएं शुरू की गईं
- आवास वित्त कंपनियों (आ.वि.कं.)/भवन निर्माण सामग्री कंपनियां में इक्विटी सहभागिता हेतु योजना शुरू की गईं
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1989-90 |
- आवास ऋण खाता योजना शुरू की गईं
- आवास वित्त कंपनी (रा.आ.बैंक) निदेश, 1989 जारी किया गया
- यूएसएआईडी सरकारी आवास गारंटी कार्यक्रम के तहत 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर (पहला ऋण) का ऋण
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1990-91 |
- राष्ट्रीय आवास बैंक को ‘‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’’ के रूप में अधिसूचित किया गया
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1991-92 |
- ओईसीएफ (वर्तमान में जेबीआईसी) से 2,970 बिलियन येन ऋण सहायता प्राप्त की
- आवासीय अवसंरचना के वित्तपोषण के लिए योजना का शुभारंभ
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1992-93 |
- मलिन-बस्ती पुनर्विकास परियोजनाओं हेतु पुनर्वित्त योजनाएं शुरू की गईं
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1994-95 |
- असुरक्षित बांड के निर्गम का शुभारंभ
- आ.वि.कं. हेतु विवेकपूर्ण मानदंड हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए
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1995-96 |
- स्वर्ण जयंती ग्रामीण आवास वित्त योजना पेश की गई
- स्वर्ण जयंती ग्रामीण आवास वित्त के वित्तपोषण हेतु कर मुक्त बांड जारी किए
- एशियाई विकास बैंक से वर्ष 1997-98 में 20 मिलियन यूएस डॉलर तथा वर्ष 1998-99 में 30 मिलियन यूएस डॉलर प्राप्त किए
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2000-01 |
- भारत में प्रथम रिहायशी मॉर्टगेज समर्थित प्रतिभूतियां (आरएमबीएस) जारी की गई
- बीमा कारोबार में आ.वि.कं. के प्रवेश हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए
- गुजरात में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में आवासीय इकाईयों के पुनर्निर्माण हेतु पुनर्वित्त योजना की घोषणा की गई
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2002-03 |
- आवास ऋणों हेतु उदारीकृत पुनर्वित्त योजना पेश की गई
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2004-05 |
- आरएमबीएस पर आ.वि.कं. को कारपोरेट गारंटी पहली बार प्रदान की गई
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2005-06 |
- आवास ऋण पर किए गए धोखाधड़ी की सूचना प्रसारित करने के लिए धोखाधड़ी प्रबंधन प्रकोष्ठ की स्थापना की गई
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2006-07 |
- एनएचबी रेजीडेक्स शुरू किया गया (प्रथम आधिकारिक आवास मूल्य सूचकांक)
- नए उत्पादों का विकास समाज के अनछुए और अनछुए वर्गों के लिए किया गया
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए रिवर्स मॉर्टगेज लोन
- ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादक आवास (पीएचआईआरए)
- इंदिरा आवास योजना लाभार्थियों के लिए टॉप-अप ऋण के लिए पुनर्वित्त
- नई ग्रामीण आवास वित्त कंपनियों में इक्विटी भागीदारी
- समसामयिक पेपर एवं चर्चा पेपर श्रृंखला पेश किए गए
- हैदराबाद में पहला क्षेत्रीय प्रतिनिधि कार्यालय खोला गया
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2007-08 |
- रा.आ.बैंक में ग्रामीण आवास निधि की स्थापना
- ग्रामीण आवास माइक्रोफाइनेंस का शुभारंभ किया गया
- ग़रीब आवास वित्त को केंद्र में रखते हुए एनएचबी – यूएनईएससीएपी का अध्ययन – 7 एशियाई देशों ने पहल की
- आवास हेतु जल एवं स्वच्छता परियोजनाओं हेतु यूएन हैबीटेट के साथ सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया
- गृह ऋण परामर्श: डिप्लोमा कार्यक्रम आईआईबीएफ के साथ प्रस्तुत किया गया
- चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में तीन क्षेत्रीय कार्यालय खोले गए
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2008-09 |
- एनएचबी रेजीडेक्स में 10 नए शहर जोड़े गए
- आरएमएल परामर्श कार्यक्रम का शुभारंभ और चार शहरों में परामर्श केंद्र खोले गए
- आवास सूचना पोर्टल (एचआईपी) का शुभारंभ किया गया
- एनएचबी सुनिधि और एनएचबी सुवृधि, दो मीयादी जमा योजनाओं का शुभारंभ किया गया
- 6वां क्षेत्रीय प्रतिनिधि कार्यालय अहमदाबाद में खोला गया
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2009-10 |
- दक्षिण एशिया क्षेत्र में अन्य संस्थानों/देशों के साथ आवास वित्त (APUHF) के लिए एशिया पैसिफिक यूनियन का विकास
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2010-11 |
- एनएचबी का संवितरण 12,000 करोड़ का आंकड़ा कर लिया, जो सर्वकालिक उच्च है
- ऊर्जा कुशल आवास को बढ़ावा देने के लिए केएफडब्ल्यू, जर्मनी के साथ सहयोग
- ग्रामीण आवास में कार्य करने के लिए SKOCH वित्तीय समावेशन पुरस्कार 2011
- वर्ष 2011 के विकास वित्त-नेतृत्व गरीबी उन्मूलन के लिए ADFIAP पुरस्कार
- 2 अतिरिक्त क्षेत्रीय प्रतिनिधि कार्यालय (आरआरओ) पटना और भोपाल में खोले गए जिससे अब कुल आरआरओ की संख्या आठ है
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2011-12 |
- वर्ष 2011-2012 में ₹14390 करोड़ का पुनर्वित्त संवितरण जो वर्ष 2010-2011 के मुकाबले 22% अधिक था।
- ग्रामीण आवास हेतु 5607 करोड़ का संवितरण जो कुल पुनर्वित्त संवितरण का 39% था
- एनएचबी रेजीडेक्स 5 नये शहरों को कवर करने हेतु जनवरी 2012 से विस्तारित हुआ है जिससे अब कुल शहरों की संख्या 20 हो गयी है
- रा.आ.बैंक द्वारा प्रबंधित किये जाने वाले दिनांक 1 मई, 2012 को स्थापित निम्न आय आवास हेतु ऋण जोखिम गारंटी निधि न्यास (सीआरजीएफटीएलआईएच)
- रा.आ.बैंक को “आवास” श्रेणी में भारत में ऊर्जा कुशल नया रिहायशी आवास में अपनी परियोजना के लिए दिया गया SKOCH वित्तीय समावेशन पुरस्कार – 2012
- रा.आ.बैंक को पुरस्कृत एसोसिएशन ऑफ डेवलपमेंट फाइनेंसिंग इंस्टिट्यूशन इन एशिया एंड पेसिफिक (ADFIAP) से वर्ष 2012 के लिए ऊर्जा कुशल आवास हेतु योग्यता प्रमाण पत्र
- रा.आ.बैंक को आईपीई बीएफएसआई अवार्ड्स 2012 में “बेस्ट एम्प्लॉयर ब्रांड अवार्ड” दिया गया
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2012-13 |
- वर्ष 2012-2013 में ₹17635 करोड़ का पुनर्वित्त संवितरण जो वर्ष 2011-2012 के मुकाबले 22% अधिक था।
- विकसित किये गये तीन नये उत्पाद यानी शहरी निम्न आय आवास हेतु विशेष पुनर्वित्त योजना, घरों में सौर जल तापक एवं प्रकाश उपकरण की संस्थापना हेतु पुनर्वित्त योजना और किफायती आवास के लिए निर्माण वित्त के लिए पुनर्वित्त योजना
- 6.94% के औसत प्रतिफल पर सार्वजनिक निर्गम के माध्यम से निर्गमन सहित संगठित 10 वर्षीय कर मुक्त बॉण्ड
- एनएचबी रेजीडेक्स का विस्तार 6 नए शहरों जैसे कि चंडीगढ़, कोयम्बटूर, देहरादून, मेरठ, नागपुर और रायपुर से हुआ, जिसके चलते अब यह 26 शहर कवर करता है
- दिल्ली नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (TOLIC) द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में बैंक की आंतरिक पत्रिका “अवास भारती” ने प्रथम पुरस्कार जीता
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2013-14 |
- परिचालन लाभ लगभग 18% तक और कर पश्चात लाभ ₹450 करोड़ से ₹ 487 करोड़ तक 8% से अधिक बढ़ गया
- स्वर्ण जयंती ग्रामीण आवास वित्त योजना के तहत वित्तपोषित कुल इकाइयाँ 3,83,971 थीं। शुरुआत में वित्तपोषित कुल इकाइयाँ 42,98,863 थीं।
- रा.आ.बैंक एवं यूके के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग, डीएफआईडी नें आठ निम्न आय राज्यों (एलआईएस) में किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए £50 मिलियन तक रा.आ.बैंक को डीएफआईडी की सहायता प्रदान करने के लिए इसमें निहित नियमों एवं शर्तों के अनुसार जिसमें महत्वपूर्ण मानदंडों के रूप में ऋण आकार, आय शामिल है, करार किया है।
- भारत सरकार के माध्यम से विश्व बैंक के साथ साझेदारी में रा.आ.बैंक ने कार्यक्रम के तहत शहरी गरीबों को उनकी आवास आवश्यकताओं हेतु निधि के प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया। रा.आ.बैंक विश्व बैंक से पांच वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिये 100 यूएस मिलियन डोलर प्राप्त करेगा जिसका उपयोग प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) द्वारा विस्तारित खुदरा ऋणों को पुनर्वित्त करने के लिए किया जाएगा, जो कार्यक्रम के तहत निर्धारित मानदंडों के अनुरूप हैं।
- रा.आ.बैंक ने भारतीय हरित निर्माण काउंसिल (आईजीबीसी) के साथ ऊर्जा कुशल आवास को बढ़ावा देने, सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, क्षमता निर्माण, कार्यक्रमों और बैठकों में नेटवर्किंग और “रा.आ.बैंक ऊर्जा कुशल आवास और आईजीबीसी हरित आवास” के बीच तालमेल स्थापित करने के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) में प्रवेश किया।
- 10/15/20 वर्षों के परिपक्वता काल हेतु सार्वजनिक निर्गमों/ निजी स्थानन के माध्यम से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (15) (iv) (एच) के तहत अभिलाभों वाले कर मुक्त बॉण्ड जारी करने के माध्यम से 4000 करोड़ रुपये संगठित किये गये। पहले दिन सभी निर्गमों पर अति अभिदत्त किया गया। बॉण्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध और व्यापार योग्य हैं।
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2014-15 |
- रा.आ.बैंक का कुल आस्ति आकार 2014-15 में ₹50,000 करोड़ से अधिक था।
- पुनर्वित्त संवितरण ने वर्ष 2014-15 के दौरान ₹21,847 करोड़ की नई ऊंचाई हासिल की, जिसके मुकाबले 2013-14 में ₹17,856 करोड़ के संवितरण पर 22.35% की वृद्धि दर्ज की गई। यह रा.आ.बैंक द्वारा किया गया अब तक का सबसे अधिक वार्षिक संवितरण था
- 10 लाख तक ऋणों का पुनर्वित्त संवितरण पिछले वर्ष में ₹6,173 करोड़ के एवज में वर्ष 2014-15 में ₹9,710 करोड़ के आंकड़े तक पहुँच गया।
- पुनर्वित्त संवितरण का 25.38% ग्रामीण आवास यानी ग्रामीण आवास निधि (आरएचएफ) और स्वर्ण जयंती ग्रामीण आवास वित्त योजना (जीजेआरएचएफएस) को किया गया।
- वर्ष 2014-15 के दौरान, 6 आवास वित्त कंपनियों (आ.वि.कं.) को राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 29क के तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) प्रदान किया गया है, जिससे रा.आ.बैंक के साथ पंजीकृत आ.वि.कं. की संख्या यथा 30-06-2015 को 65 तक बढ़ गई है।
- शिकायत पंजीकरण और सूचना डेटाबेस प्रणाली (ग्रिड्स), 24×7 ऑन-लाइन डेटाबेस प्रणाली को लागू किया, जो शिकायत दर्ज करने और अपने स्टेटस को ट्रैक करने के लिए आवास वित्त कंपनी / रा.आ.बैंक के ग्राहक को सुविधा प्रदान करता है।
- कार्यान्वित जोखिम आधारित आंतरिक लेखा परीक्षा (आरबीआईए) प्रणाली।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऋण आधारित सब्सिडी योजना हेतु केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
- आंतरिक पत्रिका “आवास भारती” को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2013-14 के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- “आवास भारती” को भी दिल्ली बैंक राजभाषा कार्यान्वयन समिति (टोलिक) की ओर से प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया
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2015-16 |
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ₹1000 करोड़ की पूंजी का अंत: प्रवाह
- ₹792 करोड़ का पैट
- रा.आ.बैंक ने, सीएलएसएस के कार्यान्वयन हेतु एक केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) के रूप में, 145 प्राथमिक ऋणदाता संस्थान के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। यथा 30-06-2016 तक, रा.आ.बैंक ने 57 प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों को ₹119.53 करोड़ की ब्याज सब्सिडी का संवितरण किया
- सीएलएसएस दावे को दर्ज करने हेतु पीएलआई के लिए एक 24×7 ऑन-लाइन पोर्टल विकसित और कार्यांवयित किया गया था ताकि सीएलएसएस के तहत ब्याज सब्सिडी की प्रोसेसिंग के लिए रा.आ.बैंक में प्रवर्तन काल को कम किया जा सके।
- वर्ष के दौरान तीन शोध अध्ययनों को शुरू किया गया
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2016-17 |
- ₹848 करोड़ का पैट
- रा.आ.बैंक ने, सीएलएसएस के कार्यान्वयन हेतु एक केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) के रूप में, यथा 31-12-2017 तक, 113 प्राथमिक ऋणदाता संस्थानों को ₹1600 करोड़ की ब्याज सब्सिडी का संवितरण किया
- सीएलएसएस दावे को दर्ज करने हेतु पीएलआई के लिए एक 24×7 ऑन-लाइन पोर्टल विकसित और कार्यांवयित किया गया था ताकि सीएलएसएस के तहत ब्याज सब्सिडी की प्रोसेसिंग के लिए रा.आ.बैंक में प्रवर्तन काल को कम किया जा सके।
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2017-18 |
- बेहतर एनएचबी रेजिडेक्स शुरू किया गया और अब यह 50 शहरों को कवर करता है
- वित्त अधिनियम, 2018 में राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया, जो अन्य बातों के साथ रिज़र्व बैंक से केंद्र सरकार को रा.आ.बैंक की शेयर पूंजी के हस्तांतरण में सक्षम बनाता है।
- भारत सरकार ने रा.आ.बैंक में किफायती आवास निधि की स्थापना की घोषणा की
- संचयी पुनर्वित्त संवितरण ₹2 लाख करोड़ से अधिक था
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2018-19 |
- बैंक की कुल आस्ति ₹75,000 करोड़ से अधिक थी
- बैंक का पुनर्वित्त संवितरण ₹25,000 करोड़ से अधिक था
- बैंक की पुनर्वित्त बकाया राशि ₹69,000 करोड़ से अधिक था
- केंद्रीय बजट 2019 में घोषणा के अनुसार, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम 1987 में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना संख्या एस.ओ. 2902 (ई), दिनांकित 09.08.2019 में दिनांक 09.08.2019 को अधिसूचित किया, जिस तिथि से वित्त (सं. 2) अधिनियम, 2019 के अध्याय VI के भाग VII के प्रावधान लागू होंगे। तदनुसार, दिनांक 09.08.2019 से, आ.वि.कं. का विनियमन भारतीय रिज़र्व बैंक को स्थानांतरित हो गया।
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2019-20 |
- बकाया पुनर्वित्त ₹ 69,095 करोड़ से बढ़कर ₹ 82,753 करोड़ हो गया
- कुल पुनर्वित्त संवितरण ₹ 30,000 करोड़ को पार कर गया
- चलनिधि अंतर्वेशन सुविधा के अंतर्गत ₹ 9,244 करोड़ का संवितरण
- विशेष चलनिधि सुविधा (एसएलएफ) के अंतर्गत भा.रि.बैंक द्वारा आबंटित ₹ 10,000 करोड़ की कुल राशि में से, ₹ 9,537 करोड़ का संवितरण रा.आ.बैंक की विशेष पुनर्वित्त सुविधा (एसआरएफ) योजना के तहत किया गया।
- पहली बार 3 लघु वित्त बैंक को नए ग्राहकों के रूप में शामिल किया गया
- प्रधानमंत्री आवास योजना – ऋण आधारित सब्सिडी योजना के अंतर्गत कुल ₹ 7,572 करोड़ का पुनर्वित्त संवितरण किया गया, जिससे 3,31,924 परिवार लाभान्वित हुये तथा कुल संचयी पुनर्वित्त संवितरण ₹ 21,633 करोड़ किया गया जिससे 9,55,288 परिवार लाभान्वित हुये।
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